रामायण के इस एक्टर ने गरीबी में गुजारे दिन, किया ट्रॉली खींचने और चौकीदारी का काम, स्ट्रगल की कहानी सुन नहीं पाएंगे।
रामानंद सागर की 'रामायण' में महासचिव सुमंत का किरदार निभाने वाले चंद्रशेखर वैद्य का करियर सफर बेहद सफल रहा है। चन्द्रशेखर वैद्य 1950 के दशक के लोकप्रिय अभिनेता थे। उन्होंने 'काली टोपी लाल रूमाल', 'स्ट्रीट सिंगर' और 'रुस्तम-ए-बगदाद' जैसी फिल्मों में काम किया है। उन्होंने अपने पूरे करियर में लगभग 250 फिल्मों में काम किया है। लेकिन, संघर्ष के दिनों में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्हें बचपन से ही एक्टिंग का शौक था, इसलिए वह अपने सपने लेकर मुंबई आ गए। मुंबई आने के बाद उन्हें पहले ट्रॉली खींचने का काम मिला और फिर गार्ड का काम करना पड़ा। वे हमेशा बड़े-बड़े स्टूडियो के आसपास घूमते रहते थे, लेकिन वहां खड़े चौकीदार उन्हें भगा देते थे।
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और एक दिन वे रंजीत स्टूडियो के गेट की तरफ देख रहे थे. तभी वहां एक आदमी आया और उन्हें अंदर ले गया और चाय पीने को कहा, फिर उन्हें एक छोटा सा पात्र दिया। यहीं से उनके करियर की शुरुआत हुई और उन्होंने कई फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं निभाईं। फिर कुछ बड़ी फिल्मों में काम करने के बाद उन्होंने 1964 में प्रोडक्शन और डायरेक्शन में हाथ आजमाया। उन्होंने अपने निर्देशन में बॉलीवुड की झोली में कई हिट फिल्में डालीं और अपना योगदान दिया। दुःख की बात है कि जून 2021 में 98 वर्ष की आयु में चन्द्रशेखर का निधन हो गया लेकिन उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। This actor of Ramayana spent his days in poverty, did the work of pulling a trolley and watchman, you will not stop tears listening to Struggle's story
The career journey of Chandrashekhar Vaidya, who played the role of General Secretary Sumant in Ramanand Sagar's Ramayana is very successful. Chandrasekhar Vaidya was a popular actor of 1950s. He has worked in films like 'Kali Topi Lal Handkerchief', 'Street Singer' and 'Rustom-e-Baghdad'. He's worked in about 250 films throughout his career. But, in their days of struggle they faced a lot of difficulties. He was fond of acting since childhood, so he came to Mumbai with his dreams. After coming to Mumbai, they first got the job of pulling the trolley and then had to do the work of guard. They always went around the big studios, but the watchmen standing there gave them a run.
But they didn't give up and one day they were looking at the gate of Ranjit studio. Then there came a man and took them inside and asked them to drink tea, then gave them a small character. This is where his career began and he played small roles in many films. Then after working some big films they tried their hand in production and direction in 1964. He put many hit movies in the bag of Bollywood in his direction and contributed. Sadly, Chandrasekhar passed away at the age of 98 in June 2021 but his contribution will always be remembered.