Devnagari lipi

लिपि आ भोजपुरी के लिपि 

जिसकी लिपि नहीं हैं उसे बोली कहने का रिवाज़ है. ऐसे में अगर देखें तो अंग्रेज़ी की भी लिपि नहीं है वह रोमन इस्तेमाल करती है.
- गणेश देवी  ( मुख्य संयोजक, पीपुल लिंगुइस्टिक सर्वे ) 

लिपी के ले के भोजपुरी प भा अउरी कई गो भाषा प अक्सर लोग बोल फेंकेला , असल मे भारत मे अईसन कई गो भाषा बाड़ी स जवन देवनागरी मे लिखाली स , जईसे मराठी कोंकणी नेपाली मैथिली राजस्थानी आदि । हो सकेला भोजपुरी के जईसे कैथी लिपि रहे ओइसही एकनियो के लिपी होखे ( मैथिली के तिरहुता रहे)  बाकि आज के डेट मे एकनी के देवनागरी मे बेसी लिखात बाड़ी स आ निकहा एकनी के संविधान के भा अकादमी के भषो बनल बाड़ी स ।

विश्व के सबसे बड़ भाषा अंगेजी के आपन लिपी नईखे,  गणेश देवी जी एहि बात के कहे के कोशिश करत बानी , भारतो मे ढेर लोग रोमन लिपी मे हिन्दी लिखेला , बालीउड सिनेमा के लमसम मय स्क्रिप्ट रोमन मे लिपि मे रहेला , भारत के कतने नेता आपन भाषण रोमन लिपी मे लिखवा के देले । भोजपुरी के बिदेस में रोमन लिपि में लिखल जाला । (मूल रुप से सरीनाम, फिजी, त्रिनिदाद एंड टोबैगो आ बहुत हद ले मॉरिसस तक में ) 

अंग्रेज साहित्यकार चाहें जब होखे अपना साहित्य मे भारतीय भाषा के रेफरेंस चाहे उ लोकगीत के होखे भा वाक्य के होखे रोमन लिपी मे देले बाड़े जवन कि साहित्य के हिस्सा बा । यानि कि भोजपुरी लोकगीत के रेफरेंस जदि हार्ले भा ग्रियर्सन देले बा‌डे त उ रोमन मे ।  इहे ना कइ गो भोजपुरिया साहित्यकार जे अंग्रेजी किताब भोजपुरी प लिखले बा ओह मे मय लोकगीत रोमन लिपि मे बा ।

खरोष्ठी आ ब्राम्ही लिपि भारत भा जम्बूद्वीप मे सबसे प्राचीन पुरातन लिपि ह , लोग हड़प्पा आ सिंधू से एह दुनो लिपि के जो‌ड के देखेला । शायद , खरोष्ठी जवन प्राकृत भाषा के लिपि रहे , त ब्राम्ही संस्कृति भाषा के । 

ब्राम्ही से गुप्त लिपि से नागरी से देवनागरी लिपि बनि के आइल ।  जदि गुजराती , गुरुमुखी आ बंगाली लिपि के देखल जाउ त कैथी एह तीनो के मिलल रुप लउकेले ।  

बंगाली लिपि मे , बंगाली , असमी आ मैनपुरी भाषा के लिखल जाला । नागरी के त मालुमे बा । दक्षिण मे सिंहला , मलयाली , ग्रंथ ( पल्लवा )  लिपि आदि रहे बाकि इ मय कुल्हि के उत्पति खरोष्ठी आ ब्राम्ही से ढेर प्रभावित बाड़ी स । 

एगो सिंधु लिपि कहाला जवन ब्राम्ही खरोष्ठी के गझिन रुप ह आ हो सकेला सिंधु के फैलाव ही ब्राम्ही आ खरोष्ठी ह । 

लिपि के ले के जानकारी बहुत गहिराह नइखे आ ना हम एह लिपि प गहिराह काम होत देखत बानी ।   बहुत सारा लिपि भारत मे मरि गइल बा‌डी स भा मरे के कगार प बाड़ी स ।

एहि से आगे से भोजपुरी के ले के लिपि- लिपि प लीपे वाला के लिबि लिबि कइ दिहल करीँ ।

- नबीन कुमार

फोटो मे - विश्व के कुछ अलग अलग भाषा के अलग अलग लिपि में लिखल गइल बा । लिपि से ना वाक्य के माने बदलेला ना भाव ! लिपि त भाषा के पढे के आ लिखे के तरिका ह , चिन्ह ह आकार ह ।

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