📌मीना कुमारी - ट्रेजेडी क्वीन
▪️मीना की ऐसे हुई ससुराल में एंट्री
पिता की ख्वाहिश के खिलाफ जाकर मीना कुमारी पति की फिल्म ‘डेरा’ की शूटिंग के लिए चली गईं। लेकिन जब रात को घर लौटीं तो पिता ने साफ कह दिया कि बाप-बेटी का रिश्ता खत्म। उन्हें घर नहीं घुसने दिया। मीना कमाल के घर चली गईं। इस तरह उनकी ससुराल में एंट्री हुई।
भले ही मीना कुमारी ससुराल पहुंच गई थीं, पर उन्हें सुकून तब भी नहीं था। जिंदगी में एक के बाद एक ऐसे हादसे होने लगे कि मियां-बीवी का रिश्ता बिगड़ने लगा। निजी जिंदगी जहां पाताल में जा रही थी, वहीं मीना कुमारी का कॅरियर आसमान छू रहा था। हालांकि, उनकी यह उड़ान भी निजी जिंदगी के लिए मुसीबत ही बनी।
▪️‘बैजू बावरा’ ने दिलाया फिल्म फेयर अवार्ड
‘बैजू बावरा’ ने मीना कुमारी को बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्म फेयर अवॉर्ड दिलवाया। वह यह अवॉर्ड पाने वाली पहली एक्ट्रेस थीं। इसके बाद भी उन्होंने एक से बढ़ कर एक फिल्में दीं। परिणीता, दिल अपना प्रीत पराई, श्रद्धा, आजाद, कोहिनूर…। 1960 के दशक में वह बहुत बड़ी स्टार बन गई थीं। यह स्टारडम उनकी निजी जिंदगी में कड़वाहट घोल रहा था।
▪️मीना के पति बताने पर नाराज हो गए थे कमाल अमरोही
एक बार सोहराब मोदी ने अपनी फिल्म के प्रीमियर में मीना कुमारी और कमाल अमरोही को बुलाया। वहां चीफ गेस्ट महाराष्ट्र के राज्यपाल थे। उनसे परिचय कराते हुए सोहराब मोदी ने कहा – ये मीना कुमारी हैं। बेहतरीन अदाकारा। और ये इनके पति हैं कमाल अमरोही। इस पर कमाल तमतमा गए। उन्होंने तपाक से जवाब दिया- मैं कमाल अमरोही हूं और ये मेरी पत्नी मीना कुमारी हैं। यह कह कर वह फंक्शन से निकल गए।
▪️कमला अमरोही को खटकने लगी थी मीना की सोहरत
मीना कुमारी की सफलता कमाल अमरोही को खटक रही थी। दोनों के बीच कड़वाहट इस कदर बढ़ गई कि अमरोही ने मीना कुमारी को फिल्में छोड़ने के लिए कहा। लेकिन मीना ने इनकार कर दिया। तब कमाल ने शर्तें रखीं। कहा कि शूटिंग से शाम 6.30 बजे तक घर लौटना होगा, मेकअप रूम में मेकअपमैन के अलावा किसी की एंट्री नहीं होगी, सिर्फ अपनी कार में चलेंगी। मीना ने कमाल से प्यार के चलते ये शर्तें मान लीं। लेकिन दोनों के संबंध फिर भी नहीं सुधरे।
▪️मीना ने कमाल अमरोही को दे दी थी सारी कमाई
कमाल अमरोही जब ‘पाकीजा’ बना रहे थे, तब बुरी तरह आर्थिक संकट में फंस गए थे। मीना ने अपनी सारी कमाई देकर पति की मदद की। इसके बावजूद यह फिल्म बनने के दौरान दोनों के संबंध लगातार खराब हो गए। नौबत तलाक तक पहुंच गई थी। मीना कुमारी की तबीयत भी खराब रहने लगी थी। पैसे भी नहीं थे। शौहर भी नहीं। नींद-चैन गायब हो गया। कई बीमारियों ने शरीर में डेरा जमा लिया।मीना कुमारी इतनी बीमार हो गईं कि उनका इलाज कर रहे डॉक्टर ने सलाह दी कि नींद लाने के लिए एक पेग ब्रांडी पिया करें। डॉक्टर की यह सलाह भारी पड़ी। एक पेग, दो, तीन और चार होता गया। मीना कुमारी को शराब की लत लग गई। इस बीच ‘पाकीजा’ का निर्माण भी रुक गया।
▪️जब तालाक के बाद मिले मीना और कमाल अमरोही
‘पाकीजा’ कमाल अमरोही की महत्वाकांक्षी फिल्म थी, पर वह इसे आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे। सालों बाद सुनील दत्त और नर्गिस ने इसकी शूटिंग शुरू करवाई। इस बहाने तलाक के बाद पहली बार कमाल और मीना की मुलाकात हुई। इस मुलाकात में मीना कुमारी कमाल का हाथ पकड़ कर खूब रोई थीं।
▪️14 साल बाद पर्दे पर आई पाकिजा
‘पाकीजा’ की शूटिंग दोबारा शुरू हुई। 14 साल बाद 4 फरवरी, 1972 को फिल्म पर्दे पर आई। तब तक मीना मीना की हालत काफी बिगड़ गई थी। बीमारी की हालत में भी वह फिलमें कर रही थीं, लेकिन रोग असाध्य हो गया था। अंतत: 31 मार्च 1972 को लिवर सिरोसिस के चलते मीना कुमारी ने दुनिया को अलविदा कह दिया और तमाम मुश्किलों से आजाद हो गईं। उन्हें गए चार दशक से भी ज्यादा हो चुके हैं, पर उनके द्वारा बनाया गया मुकाम अब तक कोई और छू नहीं सका है। उनकी अदाकारी इस दर्जे की थी कि 1963 के दसवें फिल्मफेयर अवॉर्ड में बेस्ट एक्ट्रेस कैटेगरी में तीन फिल्में (मैं चुप रहूंगी, आरती और साहिब बीवी और गुलाम) नॉमिनट हुई थीं और तीनों में मीना कुमारी ही थीं। अवॉर्ड साहिब बीवी और गुलाम में ‘छोटी बहू’ के रोल के लिए मिला था।
मीना कुमारी ने कॅरिअर में जो बुलंदियां हासिल की, निजी जिंदगी में उतनी ही मुश्किलें झेलीं। जन्म से लेकर अंतिम घड़ी तक उन्होंने दुख ही दुख झेला। कामयाबी का जश्न मनाने का वक्त आता, तब भी कोई न कोई हादसा उनका पीछा करता ही रहता।