चौहान व चंदेल राजपूतों राजाओं के बीच हुए युद्ध के बारे में तो सब जानते हैं, लेकिन इन्हीं के बीच कुछ ऐसे भी नाम हैं जो इतिहास के पन्नों में कहीं खो गए, उन्हीं में से एक नाम है #राजकुमारी_बेला। #मां_महासती_बेला
#सम्राट_पृथ्वीराज_सिंह_चौहान जी #पुत्री
पृथ्वीराज चौहान की बेटी थी, राजकुमारी बेला, परमाल रासो, आल्हा-खंड व बुंदेलखंड के मशहूर लोकगीतों में इनके बारे में सुना जा सकता है।
"आल्हा में से प्रसंग बेला के गौना का भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि अगर इसे कहीं पर गा दिया जाए तो कुछ न कुछ अपशकुन जरूर होता है, क्योंकि बेला के गौना में आल्हा, ऊदल और राजा परमाल की पूरी सेना खत्म हो गई थी।
राजकुमारी बेला पृथ्वीराज चौहान की बेटी थी और चंदेल राज परमाल के बेटे ब्रह्मजीत से बेला की शादी हुई थी !
पृथ्वीराज चौहान की बेटी बेला चौहान की शादी वीर आल्हा ऊदल ने अपने पराक्रम व बहादुरी के दम पर पृथ्वीराज चौहान को हराकर चंदेल वंश के राजा परमाल चंदेल के बेटे ब्रम्हा चंदेल से करवाया था,इसी शादी के कारण चौहान व चंदेल राजपूतो मे रंजिश हो गया ।
और चौहान व चंदेल राजाओं की आपसी रंजिश ने सब कुछ तबाह कर दिया था। बेला की शादी तो हो गई थी, लेकिन गौना नहीं गया था, एक दिन बेला ने ही ऊदल के नाम संदेश भेजा कि अब गौना कराकर ले जाओ। ऊदल तैयार हो गया, लेकिन माहिल ने ब्रह्मा को उकसा दिया और ब्रहमा अकेले जाने को तैयार हो गया। फौज लेकर गया। दिल्ली की सेना से भारी युद्ध हुआ।
कई दिनों तक चले इस युद्ध में आल्हा, ऊदल, ब्रहमादेव सहित परमाल की सेना खत्म हो गई। यही नहीं इस युद्ध में जिस के हाथों से बेला के पति की हत्या हुई थी, बेला खुद उसका सिर काटकर लायी और सती हो गई।
भारतीय इतिहास में ऐसे बहुत से वीर व वीरांगनाए हुए, जिनका अपना अलग महत्व है, लेकिन आज वो इतिहास के पन्नों में कहीं खो से गए हैं। एक आल्हा लोकगीत ही जो इन सबको आज भी जिंदा रखा है।