aapki yaad aati rhi rat bhar

आपकी याद आती रही रात भर 
चश्म-ए-नम मुस्कुराती रही रात भर 
रात भर दर्द की शम्अ जलती रही 
ग़म की लौ थरथराती रही रात भर 

बाँसुरी की सुरीली सुहानी सदा 
याद बन बन के आती रही रात भर 

याद के चाँद दिल में उतरते रहे 
चाँदनी जगमगाती रही रात भर 

कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा 
कोई आवाज़ आती रही रात भर

         मख़दूम मोहिउद्दीन

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