हेलन का करियर बेहद संघर्षपूर्ण और प्रेरणादायक है। बर्मा से भारत आने वाली हेलन के पास खाने तक के पैसे नहीं थे, लेकिन उन्होंने अपने हौंसले और मेहनत के बल पर बॉलीवुड की डांसिंग क्वीन का खिताब हासिल किया। मॉम, गुड़िया, चेहरे पे चमकम और बलानी सुंदर जैसी 500 से अधिक फिल्मों में काम कर चुकीं हेलन का चमकता चेहरा कई दर्द छुपाए हुए है।
बॉलीवुड की इस मशहूर एक्ट्रेस ने कैबरे डांस में अपनी खूबसूरती और अदायगी से सबका दिल जीता। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की पहली आइटम गर्ल मानी जाने वाली हेलन की सफलता के पीछे छिपा दर्द हर किसी को भावुक कर देता है।
हेलन का दीवाना हर कोई था। एक समय ऐसा था जब उनकी फिल्म में एक आइटम सॉन्ग होता तो लोग सिर्फ उनका डांस देखने के लिए सिनेमाघरों में उमड़ पड़ते थे। डांस शुरू होते ही थिएटर में सिक्कों की बारिश होने लगती थी और यह सिलसिला डांस खत्म होने तक चलता रहता था। फिल्म खत्म होने के बाद भी लोग उनके गाने पर थिरकते रहते थे। हेलन की दीवानगी इतनी थी कि लोग अपनी बेटियों को भी उनके जैसा डांस सिखाना चाहते थे। उनकी डांसिंग और खूबसूरती की चमक ने सभी को आकर्षित किया। एक्ट्रेस और डांसर, सभी हेलन की तारीफ करते नहीं थकते थे। उनका डांसिंग स्टाइल इतना अनोखा था कि लोग उन्हें देखकर दांतों तले उंगलियां दबा लेते थे और आज भी उनके डांस का मुकाबला कोई नहीं कर सकता।
हेलन का असली नाम हेलेन एन रिचर्डसन है और उनका जन्म 1938 में रंगून में हुआ था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उनके पिता की मृत्यु हो गई, जिससे घर की पूरी जिम्मेदारी हेलन के कंधों पर आ गई। जापानियों द्वारा पकड़े जाने के डर से उनका पूरा परिवार पैदल ही असम के डिब्रूगढ़ के लिए निकल पड़ा। इस कठिन यात्रा के दौरान उन्हें जो भी सुविधा मिली, उसी से उन्होंने गुजारा किया। जंगलों के खतरनाक रास्तों पर चलते हुए उनकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि उनके पास न तो रहने के लिए जगह थी और न ही खाने के पैसे। कभी-कभी किसी अंग्रेज सिपाही को उन पर दया आ जाती और वह उनकी मदद कर देता था। इस दौरान उनके पैरों में छाले पड़ गए, लेकिन उनकी मंजिल अभी भी दूर थी। इस सफर में न जाने कितने निर्दोष लोगों की जान चली गई।
हेलन का जीवन कई दर्द और संघर्षों से भरा हुआ था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने डांस से सबका दिल जीत लिया। उनके संघर्ष और सफलता की कहानी आज भी लोगों को प्रेरित करती है।