एक पगड़ी ने पठान को स्टार बनाया, शराब की लत ने मौत के मुंह तक पहुंचाया...ऐसी है रहमान खान की कहानी
एक शख्स जिसने अपनी आवाज़ के दम से सबके दिलों में जगह बनाई, खूब नाम कमाया फिर देखते ही देखते नशे की लत में ऐसा डूबा कि मौत को ही गले लगा लिया। ये कहानी है 70 के दशक के जानेमाने अभिनेता रहमान खान की। जिन्होंने पायलट बनने से अपने सफर की शुरुआत की, लेकिन अदाकारी ने इन्हें बॉलीवुड का 'साहेब' बना दिया। रहमान खान पढ़ाई पूरी होने के बाद इंडियन एयर फोर्स में भर्ती हो गए और पायलट बन गए। लेकिन फिर कुछ समय बाद उन्हें एक्टिंग में दिलचस्पी होने लगी, इसलिए उन्होंने 1944 में पायलट की नौकरी छोड़ दी और प्रभात स्टुडियो में विक्रम बेड़े के असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। तभी उन्हें डीडी कश्यप की फिल्म 'चांद' में एक छोटा से रोल करने मौका मिला। डीडी कश्यप ने कहा कि फिल्म में छोटा सा रोल है एक पठान की जरूरत है जो गाने के बाद एक लाइन बोलेगा पठान की तरह सिर पर पश्तूनी पगड़ी बांधेगा, ऐसा करो और छा जाओ। डीडी कश्यप के कहने पर रहमान खान ने ये रोल किया और वाकई छा गए। इस एक लाइन को बोलने के लिए एक्टर ने करीब 50 रीटेक लिए थे। इसके बाद तो मानो रहमान खान की किस्तम ही खुल गई और उन्होंने कई बहतरीन फिल्मों में काम किया।
उनकी रौबीली आवाज़ ने मानों लोगों के दिलों में अपनी खास पहचान बना ली। दमदार आवाज़ में बड़े से बड़े अभिनेता के सामने भी रहमान बेखौफ एक्टिंग किया करते थे। लेकिन फिर वो शराब पीने की इतने आदी हो गए थे कि इन्हें गले का कैंसर हो गया जिसके बाद इनकी रौबीली आवाज़ ने दम तोड़ दिया। इस दौरान एक्टर को 3 बार हार्ट अटैक भी आया। फिर लंबी बीमारी से जूझने के बाद सन् 1984 में इन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।