नाम था इनका जोगिंदर। लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में ये मशहूर थे रंगा खुश के नाम से। दरअसल, साल 1975 में जोगिंदर जी ने एक फिल्म बनाई थी जिसका नाम था रंगा खुश। उस फिल्म के डायरेक्टर भी यही थे। कहानी भी इन्होंने लिखी थी। स्क्रीनप्ले भी इनका ही था। और प्रोड्यूस भी जोगिंदर जी ने वो फिल्म खुद की थी। और तो और, उस फिल्म में इन्होंने एक्टिंग भी की थी। इनके किरदार का नाम था रंगा जो एक खूंखार विलेन था। और खुश होने पर बोलता था, रंगा खुश। बस वहीं से इनका नाम पड़ गया रंगा खुश।
आज जोगिंदर शैली जी का जन्मदिवस है। 4 जुलाई 1949 को जोगिंदर शैली जी का जन्म पंजाब में हुआ था। बहुत कम लोगों को ये बात पता होगी कि जोगिंदर शैली पायलट थे। हवाई जहाज़ उड़ाया करते थे। मगर फिल्मों का शौक इन्हें फिल्मी दुनिया तक खींच लाया। जोगिंदर शैली जी को आपने अेनकों फिल्मों में खतरनाक विलेन के किरदारों में देखा होगा। इनके हंसने का अंदाज़ कुछ ऐसा था कि इन्हें हंसते हुए देखकर पता चलता था कि ये कलाकार तो फिल्मों में विलेनी करने के लिए ही दुनिया में आया होगा।
जोगिंदर शैली जी का अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस भी था। अपने बैनर के अंडर में जोगिंदर जी ने कई फिल्मों का निर्माण किया था। और अधिकतर जोगिंदर शैली जी देशभक्ति पर आधारित फिल्में ही बनाया करते थे। क्योंकि खुद इनके अंदर भी देशभक्ति कूट-कूटकर भरी थी। धर्मेंद्र जी की कई फिल्मों में जोगिंदर शैली जी नज़र आए थे। और अधिकतर में विलेन के तौर पर ये दिखे थे। जबकी अन्य स्टार्स की फिल्मों में भी जोगिंदर जी ने खूब काम किया था। जोगिंदर जी बहुत अच्छे डांसर भी थे।
साल 1977 में एक फिल्म आई थी जिसका नाम था पंडित और पठान। वो फिल्म जोगिंदर शैली जी ने ही बनाई थी। डायरेक्शन भी उनका ही था। और उन्होंने इसमें एक्टिंग भी की थी। ये फिल्म राष्ट्रीय एकता के विषय पर थी। इस फिल्म में जोगिंदर शैली जी के साथ महमूद साहब ने काम किया था। महमूद साहब इस फिल्म में पंडित के किरदार में थे। जबकी जोगिंदर जी पठान बने थे। इस फिल्म का टाइटल ट्रैक मैं पंडित तू पठान उस समय बहुत चर्चाओं में रहा था। ये गाना रफी साहब व मन्ना डे साहब ने गाया था। और ये फिल्म भी काफी चर्चाओं में थी।
15 जून 2015 को जोगिंदर शैली जी का निधन हो गया था। वो भी महज़ 66 साल की उम्र में। जीवन के आखिरी सालों में ये बहुत अधिक बीमार हो गए थे। इनकी किडनी व लिवर ने काम करना बंद कर दिया था। इन्होंने अपना बहुत इलाज कराया था। मगर कोई फायदा ना हो सका। और बीमारी से लड़ते हुए ही जोगिंदर शैली जी इस दुनिया से विदा हो गए। किस्सा टीवी जोगिंदर शैली जी को नमन करता है। शत शत नमन।
गीत "दिल करता वो यारा दिलदारा मेरा दिल करता, ऐसा कुछ कर जाएं, यादों में बस जाएं।"