Manoj Kumar Bharat

मनोज कुमार ने देश प्रेम की पहली अलख सन 1965 में तब जगाई थी. जब ‘शहीद’ फिल्म में मनोज कुमार भगत सिंह बनकर आए. मनोज कुमार भगत सिंह के रूप में इतने जमे कि यह फिल्म तो सुपर हिट हुयी ही. यहाँ तक भगत सिंह की असली माँ विद्या वती भी मनोज कुमार को भगत सिंह के रूप में देख बोली थीं कि मेरा बेटा ऐसा ही लगता था. उधर ‘शहीद’ फिल्म की सफलता लोकप्रियता देख ही मनोज कुमार को लगा कि आज़ादी के बाद भी दर्शक देश भक्ति की फिल्में काफी पसंद करते हैं.
 शहीद फिल्म के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने ही मुझे किसान और सैनिक को लेकर एक फिल्म बनाने को कहा था. शास्त्री जी का नारा भी था- ‘जय जवान जय किसान’. उनके कहने पर ही उनके ‘जय जवान, जय किसान’ के संदेश को लेकर  ‘उपकार’ बनाई. यह फिल्म सुपर हिट हो गयी. फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल गया. ‘उपकार’ के बाद  अपनी दूसरी फिल्म बनाई ‘पूरब और पश्चिम’ तो उसमें भी मैंने अपना नाम भारत रख लिया.‘’

बड़ी बात यह भी है कि मनोज कुमार आज भी भारत कुमार के नाम से मशहूर हैं. सन 1967 में जब उन्होंने निर्माता-निर्देशक के रूप में अपनी पहली फिल्म ‘उपकार’ बनाई थी. तब मनोज कुमार ने अपने चरित्र का नाम भारत रखा था. जिस बात को आज 55 साल हो गए. लेकिन आज तक फिल्म संसार में कोई दूसरा भारत कुमार नहीं बन सका. जबकि पिछले बरस सलमान खान ने ‘भारत’ नाम से एक फिल्म तक बना डाली और अपने चरित्र का नाम भी सलमान ने भारत ही रखा. लेकिन इसके बावजूद सलमान ‘भारत कुमार’ नहीं बन सके. लेकिन मनोज कुमार आज भी भारत कुमार बने हुए हैं.

यूं देखा जाये तो मनोज कुमार का सिर्फ पांच फिल्मों में ही भारत नाम रहा. ये पांचों फिल्में मनोज कुमार ने खुद ही बनायीं. हालांकि इन फिल्मों में एक फिल्म ‘क्लर्क’ तो बुरी तरह फ्लॉप हो गयी थी. इसलिए सन 1989 में आई ‘क्लर्क’ फिल्म का तो नाम भी अधिकतर लोगों को याद नहीं है. यहाँ आपको बता दें कि मनोज कुमार भारत कुमार बने तो सिर्फ अपनी चार फिल्मों की बदौलत. ये चार फिल्में हैं-‘उपकार’,‘पूरब और पश्चिम’,‘रोटी कपड़ा और मकान’ और ‘क्रान्ति’.

यह निश्चय ही दिलचस्प है कि अपनी इन चार फिल्मों के कारण ही मनोज कुमार ने अपनी भारत कुमार की ऐसी इमेज बनाई जिसे फिल्मी दुनिया का कोई भी बड़े से बड़ा सितारा नहीं तोड़ सका. जबकि अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, सनी देओल, अजय देवगन, अक्षय कुमार, आमिर खान, शाहरुख खान, ऋतिक रोशन, अभिषेक बच्चन सहित कितने ही कलाकारों ने देश प्रेम और देश भक्ति की बहुत सी फिल्में कीं. यह सब बताता है कि मनोज कुमार ने अपनी फिल्मों में भारत बनकर देश प्रेम की जो गाथा लिखी, वह बेमिसाल है.

असल में ‘पूरब और पश्चिम’ से तो मनोज कुमार भारत कुमार के रूप में और भी ज्यादा लोकप्रिय हो गए. इसका एक कारण यह भी था कि इस फिल्म के लिए इंदीवर ने एक गाना लिखा था- ‘भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ’. यह गीत उस समय इतना लोकप्रिय हुआ कि हर किसी की जुबान पर यह गीत चढ़ गया. आज भी यह गीत इतना लोकप्रिय है कि हमारे स्वतन्त्रता दिवस और गणतन्त्र दिवस पर यह रेडियो टीवी सहित स्कूल, कॉलेज आदि के समारोह में खूब गाया, बजाया जाता है.

इसके बाद मनोज कुमार अपनी फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ तथा ‘क्रान्ति’ में भी भारत बनकर आए. इन दो फिल्मों ने भी दर्शकों पर अपना जादू जमकर चलाया. ‘रोटी कपड़ा और मकान’ में मनोज कुमार के साथ अमिताभ बच्चन और शशि कपूर भी थे. जबकि ‘क्रान्ति’ में उनके साथ वह दिलीप कुमार थे, जिनके मनोज कुमार जबर्दस्त प्रशंसक थे. साथ ही दिलीप कुमार ने मनोज कुमार के शुरुआती दिनों में उनका मार्ग दर्शन भी किया था.

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