Padma Khanna

"हुस्न के लाखों रंग कौन, सा रंग देखोगे। आग है ये बदन, कौन सा अंग देखोगे।" ये गीत है फ़िल्म "जॉनी मेरा नाम" में। और इस गीत को पिक्चराइज़ किया गया था इस अदाकारा पर। आपने और हमने कई पुरानी फ़िल्मों में इन्हें देखा है। इनका नाम है पद्मा खन्ना। किस्सा टीवी की ये पेशकश पद्मा खन्ना जी को समर्पित है। कल पद्मा जी का जन्मदिन था। कल भी एक पोस्ट की थी वैसे। मगर वो तो खानापूर्ति वाली पोस्ट थी। डिटेल्ड लेख ये है। उम्मीद है आपको पसंद आएगा। लाइक-शेयर कर दीजिएगा साथियों। और प्लीज़, एक कमेंट करके अपना फीडबैक भी दीजिएगा।
इनका वास्तविक नाम था मधू। लेकिन दुनिया इन्हें जानती है पद्मा खन्ना के नाम से। मधू वाराणसी में रहती थी। मधू छोटी ही थी जब इनके पिता का देहांत हो गया था। छोटी उम्र से ही मधू को डांस सीखने का मन करने लगा था। मगर मां को कैसे  बताएं, ये मधू को समझ नहीं आ रहा था। फिर एक दिन हिम्मत करते मधू ने अपनी मां को डांस सीखने की अपनी ख्वाहिश से वाकिफ़ करा ही दिया। 

मधू को लग रहा था कि मां मना ही कर देंगी। मगर इन्हें हैरान करते हुए मां अपने साथ इन्हें लेकर पहुंची पंडित कृष्ण महाराज के पास। ये पंडित कृष्ण महाराज वही हैं जिनकी बहन सितारा देवी जी भी किसी समय की नामी कत्थक नृत्यांगना व अदाकारा हुआ करती थी। पंडित बिरजू महाराज भी इन्हीं पंडित कृष्ण महाराज के भतीजे थे। 

मां ने जब पंडित कृष्ण महाराज से बताया कि वो अपनी बेटी मधू को डांस सिखवाने लाई हैं तो शुरू में तो पंडित जी ज़रा हिचकिचा रहे थे। क्योंकि उस वक्त पद्मा उर्फ़ मधू थोड़ी मोटी-थुलथुली हुआ करती थी। और पंडित जी को मधू दिखने में गंभीर भी नहीं लग रही थी। पर मां के कहने पर पंडित जी मधू को डांस सिखाने के लिए राज़ी हो गए। 

पंडित जी की छत्रछाया में रहकर मधू ने कत्थक पर खूब मेहनत की। और मधु एक ब्रिलिएंट स्टूडेंट बनकर उभरी। कुछ ही दिनों की ट्रेनिंग के बाद मधू ने स्टेज शोज़ भी करने शुरू कर दिए। एक दिन एक स्टेज शो में नामी एक्ट्रेस वैयजयंतीमाला जी ने मधू को नृत्य करते देखा। वैयजयंती जी इस बच्ची से बहुत प्रभावित हुई। ये वैयजयंतीमाला ही थी जिन्होंने मधू की मां को सलाह दी थी कि इस बच्ची को फ़िल्मों में अपनी किस्मत आज़मानी चाहिए।

मधू तब तक वाराणसी में ही रह रही थी जब डांस से मिली ख्याति से प्रभावित होकर इन्हें भारत की पहली भोजपुरी फ़िल्म "गंगा मईया तोहे पियरी चढइबो" के मेकर्स ने इस फ़िल्म में काम करने का ऑफ़र दिया। मधू को एक सपोर्टिंग रोल ऑफ़र किया गया था। इन्होंने वो रोल निभाया भी। उस फ़िल्म में काम किया तो कुछ और फ़िल्मों के ऑफ़र्स मधू को मिले। और वो सब हिंदी व भोजपुरी फ़िल्में थी। मधू ने उन फ़िल्मों में भी काम किया। अब तक इनका नाम मधू से पद्मा हो चुका था। हालांकि शुरुआती फ़िल्मों में ये पद्मा खन्ना नहीं, पद्मा देवी के नाम से नज़र आई थी।

जॉनी मेरा नाम वो पहली फ़िल्म थी जिसने पद्मा खन्ना को वो ख्याति दिलाई थी जिसकी ज़रूरत इन्हें अपना करियर एक दिशा में ले जाने में मदद मिली। हालांकि जिस गीत से पद्मा खन्ना को पहचान मिली थी वो तब काफ़ी कंट्रोवर्सियल भी रहा था। क्योंकि एक तो गीत के लिरिक्स बहुत बोल्ड थे। दूसरे, उस गीत का पिक्चराइज़ेशन भी उस वक्त के हिसाब से काफ़ी उत्तेजक था। मगर वो गीत सिर्फ़ पद्मा खन्ना के लिए ही नहीं, जॉनी मेरा नाम फ़िल्म के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हुआ था।

जॉनी मेरा नाम फ़िल्म के बाद तो पद्मा खन्ना के पास वैसे ही रोल्स की बाढ़ सी आ गई थी। लेकिन पद्मा जी ने अधिकतर को ठुकरा दिया। जबकी कुछ फ़िल्मों में इन्होंने काम भी किया। और तमाम ऑफ़र्स ठुकराने के बाद भी पद्मा खन्ना उस वक्त की सबसे बिज़ी साइड एक्ट्रेस और डांसिंग स्टार थी। पद्मा जी की व्यस्तता का अंदाज़ा ऐसे लगाइए कि जब यश चोपड़ा साहब राजेेश खन्ना, शर्मिला टैगोर और राखी जी के साथ दाग बना रहे थे तो उन्होंने एक डांसिंग सॉन्ग के लिए पद्मा खन्ना को भी साइन किया था। 

उस गीत के बोल थे "नि मैं यार मनाना नी।" फ़िल्म के मेन स्टार्स की डेट तो यश चोपड़ा ने मैनेज कर ली थी। मगर पद्मा खन्ना को वो गाना शूट करने लाने में उन्हें बहुत पापड़ बेलने पड़ गए थे। क्योंकि पद्मा खन्ना इतना बिज़ी थी तब कि वो यश चोपड़ा की दाग के लिए समय ही नहीं निकाल पा रही थी। वो गाना शिमला में शूट होना था। किसी तरह वक्त निकालकर पद्मा खन्ना तो वहां पहुंच गई। मगर एक दिक्कत अब भी हो गई। 

दरअसल, उस गाने में दो डांसर्स को यश चोपड़ा दिखाना चाहते थे। और दूसरी डांसर के लिए उन्होंने लक्ष्मी छाया को साइन किया था। मगर लक्ष्मी छाया शूटिंग के दिन पहुंची ही नहीं। मामला काफ़ी टेंश्ड था। तब पद्मा जी ने यश चोपड़ा से कहा कि आप मेरी डांस असिस्टेंट अरुणा को ले लीजिए। वो अच्छे से परफॉर्म कर लेगी। पद्मा जी की ये बात सुन सब हैरान थे। पद्मा जी अब तक बड़ा नाम हो चुकी थी। और फ़िल्म इंडस्ट्री के बड़े नाम बहुत मुश्किल से किसी ऐसे कलाकार के साथ काम करने को तैयार होते थे जो पब्लिक के लिए एकदम अनजान हो। खासतौर पर वैसी स्थिति में, जैसी कि उस दिन हो गई थी।

पद्मा जी ने पाकीज़ा फ़िल्म में मीना कुमारी की बॉडी डबल की हैसियत से भी कुछ नृत्य सीन किए थे। आप भी जानते होंगे कि पाकीज़ा की शूटिंग के आखिरी दिनों में मीना कुमारी बहुत बीमार रहने लगी थी। ऐसे में उनके कुछ डांस सीन्स पद्मा जी पर फ़िल्माने पड़े थे। पद्मा जी से तब बहुत लोगों ने कहा था कि आपने इस तरह का काम कैसे स्वीकार कर लिया? पद्मा जी ने कहा था,"एनीथिंग फॉर मीना आपा।" 

साल 1973 में आई सौदागर पद्मा खन्ना जी के करियर की वन ऑफ़ दि मोस्ट इंपोर्टेंट फ़िल्म थी। उस फ़िल्म में पद्मा खन्ना जी का किरदार बहुत अहम था। पद्मा जी को उस वाली सौदागर में नूतन जी के साथ काम करने का मौका मिला था। और उसमें अमिताभ बच्चन भी थे। हालांकि तब तक बच्चन साहब "दि अमिताभ बच्चन" नहीं बने थे। पद्मा जी ने सौदागर में फूल बानो का किरदार निभाया था। आज भी पद्मा जी पर फ़िल्माया गया उस फ़िल्म का गीत "सजना है मुझे सजना के लिए" लाखों महिलाओं का पसंदीदा है। 

पद्मा खन्ना जी मशहूर तो बहुत हुई थी। मगर हिंदी सिनेमा में उन्हें अच्छे किरदार बहुत अधिक नहीं मिले थे। हालांकि भोजपुरी फ़िल्मों में ज़रूर पद्मा खन्ना जी स्टार एक्ट्रेस थी। हीरोइन थी। पद्मा जी ने कुछ गुजराती व पंजाबी फ़िल्मों में भी काम किया था। ये कहना गलत नहीं होगा कि रीज़नल सिनेमा में भी पद्मा खन्ना जी ने बढ़िया पहचान बनाई थी। 

पद्मा जी ने उस वक्त फ़िल्मों से दूरी बनानी शुरू कर दी थी जब उन्होंने फ़िल्ममेकर जगदीश सिडाना से शादी कर ली थी। शादी के बाद उनके दो बच्चे हुए। एक बेटी व एक बेटा। ऐसे में पद्मा खन्ना ने एक्टिंग करनी कम कर दी। वो कभी-कभार ही किसी एक्टिंग असाइनमेंट में दिखाई देती थी। 1988 की फ़िल्म "घर-घर की कहानी" में पद्मा खन्ना जी के विधवा महिला के किरदार को बहुत पसंद किया गया था। और रामानंद सागर की रामायण में कैकयी का किरदार निभाकर तो पद्मा खन्ना ने अपना नाम अमर कर दिया।

1990 के दशक की शुरुआत में पद्मा खन्ना व इनके पति ने अमेरिका सेटल होने का फ़ैसला किया। क्योंकि ये लोग चाहते थे कि अपने बच्चों को अमेरिका में हायर स्टडीज़ की तैयारी कराई जाए। सो, एक दिन पद्मा खन्ना सपरिवार अमेरिका चली गई। उनकी कुछ फ़िल्में उनके अमेरिका जाने के बाद भी आई थी। मगर वो सब लेट रिलीज़ थी। अमेरिका जाकर पद्मा खन्ना जी ने एक डांस एकेडेमी शुरू की, जहां वो भारतीय शास्त्रीय नृत्य की ट्रेनिंग देती हैं।

साल 2012 में लंदन में हुए ओलंपिक्स खेलों की शुरुआत एक डांस प्रोग्राम से हुई थी। वो डांस प्रोग्राम पद्मा खन्ना जी ने ही कोरियोग्राफ़ किया था। कुछ साल पहले पद्मा खन्ना जी के पति जगदीश सिडाना जी का देहांत हो चुका है। पद्मा जी अब अपने बेटा-बेटी के साथ रहती हैं। बेटा-बेटी ही उनका डांस स्कूल चलाने में उनकी मदद करते हैं। एक दफ़ा पद्मा खन्ना जी से पूछा गया था कि क्या आप फ़िल्मों में वापसी करना पसंद करेंगी। जवाब में पद्मा खन्ना जी ने कहा था कि अगर कुछ अच्छा ऑफ़र हुआ तो क्यों नहीं?

पद्मा खन्ना जी की उम्र अब 76 साल हो चुकी है। इस उम्र में भी पद्मा खन्ना जी अपनी डांस एकेडेमी का काम संभालती हैं। और अभी भी मेहनत करती हैं। पद्मा खन्ना जी सदा स्वस्थ और सुखी रहें, ऐसी कामना किस्सा टीवी ईश्वर से करता है। 

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.