ब्लैक एंड व्हाइट ईरा की एक बेहद खूबसूरत और शानदार अदाकारा, बीना राय। लेकिन इनका असली नाम कुछ और था। इनका रियल नेम कृष्णा सरीन था। और ये लखनऊ में जन्मी थी। परवरिश और पढ़ाई लिखाई भी इनकी लखनऊ में ही हुई थी। बीना जी उर्फ़ कृष्णा सरीन जी के पिता रेलवे में अफ़सर थे। एक दिन कृष्णा सरीन जी ने फ़िल्मफ़ेयर मैगज़ीन में एक विज्ञापन देखा। उस विज्ञापन में काली घटा नामक एक अपकमिंग फ़िल्म के लिए नए चेहरों की तलाश की बात लिखी थी।
कृष्णा जी ने अपने भाई को अपने साथ मुंबई चलने के लिए राज़ी कर लिया। दरअसल, उस विज्ञापन को देखकर इनके मन में फ़िल्मों में काम करने की इच्छा जाग्रत हो गई थी। कृष्णा जी अकेली नहीं गई थी। इनकी दो और सहेलियां भी इनके साथ मुंबई गई थी। उनके नाम थे आशा माथुर व इंदिरा पांचाल। फ़िल्मफ़ेयर मैगज़ीन में वो इंटरव्यू एक्टर किशोर साहू ने दिया था। इसलिए जब मुंबई जाकर कृष्णा जी व इनकी सहेलियां किशोर साहू से मिली तो उन्होंने इनका ऑडिशन लिया।
कृष्णा सरीन जी को काली घटा फ़िल्म में मुख्य हीरोइन का रोल निभाने के लिए साइन कर लिया गया। जबकी इनकी दोनों अन्य सहेलियों को भी उस फ़िल्म में अहम किरदार निभाने के लिए रख लिया गया। फिर ये लोग लखनऊ वापस लौट आए। लखनऊ लौटकर जब कृष्णा जी ने अपने माता-पिता को फ़िल्म में चुने जाने की बात बताई तो वो बहुत नाराज़ हुए। उन्होंने साफ़ कह दिया कि कृष्णा फ़िल्मों में काम नहीं करेगी। कृष्णा जी नाराज़ हो गई। उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया।
किसी तरह किशोर साहू को ये बात पता चल गई कि कृष्णा के पिता उसे मुंबई नहीं आने दे रहे हैं। तो एक दिन किशोर साहू खुद ही मुंबई से लखनऊ आ गए। उन्होंने कृष्णा जी के पिता से बात की। और आखिरकार उन्हें कृष्णा जी को अपनी फ़िल्म में काम करने की छूट देने के लिए मना ही लिया। पिता जी इस शर्त पर माने की कि कृष्णा के साथ उसकी मां भी मुंबई जाएगी। किशोर साहू को इससे कोई दिक्कत नहीं थी। इसलिए उन्होंने कृष्णा जी के पिता की वो शर्त मान ली। एक और शर्त थी कृष्णा जी के पिता की। वो शर्त ये थी कि कृष्णा कभी भी शाम को छह बजे के बाद शूटिंग नहीं करेगी। किशोर साहू ने उस शर्त को भी मान लिया था।
और यूं शुरू हुआ कृष्णा सरीन का फ़िल्मी करियर। किशोर साहू ने ही इनका नाम कृष्णा सरीन से बदलकर बीना राय रखा था। बीना राय जी की पहली फ़िल्म काली घटा साल 1951 में रिलीज़ हुई। और फ़िल्म कामयाब रही। इसके बाद कृष्णा सरीन जी ने एक से एक फ़िल्मों में काम किया और खूब नाम, दौलत व शोहरत कमाई। और इनके साथ जो इनकी दो सहेलियां लखनऊ से मुंबई गई थी, वो बहुत ज़्यादा कामयाब ना हो सकी। आशा माथुर ने बाद में डायरेक्टर मोहन सहगल से शादी कर ली। जबकी इंदिरा पांचाल जी की शादी नामी उद्योगपति परिवार महिंद्रा परिवार में हो गई। बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा उन्हीं इंदिरा पांचाल के पुत्र हैं।
आज बीना राय जी का जन्मदिवस है साथियों। 13 जुलाई 1931 को बीना राय जी का जन्म हुआ था। बीना राय जी ने प्रेमनाथ जी से शादी की थी। यानि बीना राय जी रिश्ते में राज कपूर जी की सलहज थी। साल 2009 की 06 दिसंबर को बीना राय जी का देहांत हो गया था। बीना राय जी को किस्सा टीवी का नमन। #BinaRai #PremNath