शिरीष भाई आजकल सन 1946_47 के अखबारों को पढ़ रहे हैं। कुछ राजनीतिक खबरों की सत्यता जानने के लिए ये उनका अद्भुत प्रयास है। इस बारे में कुछ दिनों बाद लिखूंगी।
कल उन्होंने खबरें पढ़ते हुए अखबार में ये विज्ञापन 👎🏻 देखा । हेमा-मालिनी का नाम देखकर वे जरूर आश्चर्यचकित हुए होंगे।
जब बात समझ नहीं आई तो उन्होंने यहां लोगों से पूछा। जाहिर है सबको ही आश्चर्य हुआ। क्यों कि हेमा जी का तो जन्म ही 1948 में हुआ था।
मैंने देखा तो मुझे याद आया कि हेमा जी के किसी इंटरव्यू में मैंने देखा था ।
उन्होंने बताया था कि जब उनका जन्म होने वाला था तो उनकी मां को बेहद शौक था कि उनकी संतान बेटी हो जिसे वे नृत्यांगना बनाना चाहती थीं। उन्होंने उनका नाम भी सोच रखा था और उनका कैरियर भी।
और उन्होंने वैसा ही किया। पिता अफसर थे जो मद्रास के अयंगर ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे ।जब हेमा जी फिल्मों में आई तो जया चक्रवर्ती (उनकी मां ) ने सब कुछ चुना था।
ये विज्ञापन वाली हेमा-मालिनी उनकी मां की सहेली थीं। संभवतः वे इनसे ही प्रेरित रही होंगी।
इस विज्ञापन के बारे में ढूंढने पर पता चला कि ये एक ग्रैंड डांस रेसिटल के लिए था जो मिस हेमा-मालिनी अर्नी ने आयोजित किया था। जो उस समय भारतनाट्यम की नर्तकी थीं।आयोजन सात अप्रैल को मद्रास के एग्मोर में म्यूजियम थियेटर में हुआ था। जिसे पंजाब एसोशिएशन, मद्रास के बिल्डिंग फंड अपील के लिए करवाया गया था। टिकटों की कीमतें रुपए 25, 10 , और 5 थीं जो उस समय के हिसाब से बहुत ज्यादा थीं।
वो हेमा-मालिनी (अर्नी) ने मात्र छः साल की उम्र में प्रसिद्ध नट्टूवानार पद्मश्री श्री वलुवूर रामाय्या पिल्लई से भारतनाट्यम सीखा था। और पद्मभूषण श्री बाला सरस्वती जी से अभिनय की बारीकियां सीखीं थीं।
उनका जन्म 1934 में हुआ था और सन चालीस से पचास के बीच उन्होंने अपनी बाल प्रतिभा का व्यापक प्रदर्शन किया था। उन्होंने 1947 में बनी तमिल मूवी कन्निका में अभिनय भी किया था।
शादी के बाद वे हैदराबाद में अध्यापन करने लगीं और नृत्य स्कूल स्थापित किया था। उनकी मृत्यु 2019 में हुई है । कमेंट बॉक्स में उनकी फोटो है।
Ajay Shukla सर के सहयोग से ये जानकारी मिली