कैश मजनू

क़ैस_का_नाम_मजनूँ_कैसे_पड़ा?




कहते हैं मियाँ क़ैस (मजनूँ) के वालिद साहब लैला के लिए अपने बेटे की दीवानगी देखकर आख़िरकार पिघल गये। बेटे की ख़ुशी के लिए पुश्तों पुरानी दुश्मनी भुलाकर लैला के क़बीले की राह लिये। लैला के वालिद भी बेटी की मुहब्बत के आगे झुक गये। दोनों बुज़ुर्ग विरासत में मिली रंजिशें भुलाकर बातें करने लगे। इतने में लैला का कुत्ता (सगे-लैला) बाहर आ निकला। जब क़ैस को मालूम हुआ कि यह लैला का कुत्ता है तो वह ख़ुद को रोक न सका। दीवाना रा हुए बसस्त। मजनूँ को अब कहाँ सब्र, आप उठे और दौड़कर कुत्ते को सीने से चिपका लिया, कभी उसके नाख़ुनों को चूमते, कभी उसके मुँह को प्यार करते और उसकी तारीफ़ों के पुल बाँध दिये।

बरजस्त   ज़े   जाए - ख़्वेश  आज़ाद
वज़ शौक़ ब दस्त ओ पायश उफ़्ताद

برجست ز جای خویش آزاد
وز شوق بدست و پایش افتاد

(अपनी जगह से बेचैन होकर उठा और उसके पाँव पर गिर पड़ा।)

मालीद ब पुश्त ओ पाए-ऊ रूए
कीं पाए गुज़श्ता  जस्त ज़ाँ कूए

مالید بہ پشت و پای او روی
کین پای گذشتہ جست زان کوی

(उसकी पीठ और पाँव पर अपना चेहरा मला क्योंकि उसके पाँव लैला के मुहल्ले से गुज़रते थे।

आवुर्द ब  हसरतश दर आग़ोश
ख़ारीद ब नाख़ुन आँ सरो-गोश
[हातिफ़ी]

آورد بحسرتش در آغوش
خارید بہ ناخن آن سر و گوش
]ھاتفی]

(बड़े अरमान से उसे गोद में लिया और उसका सर और कान खुजलाने लगा।)

पायश ज़े कुलूख़े  ख़ार मी  रुफ़्त
वज़ पा ओ सरश ग़ुबार मी रुफ़्त

پایش ز کلوخ خار میرفت
وز پا و سرش غبار میرفت

(उसके पाँव के काँटे साफ़ करता था और उसके पाँव और सर की मिट्टी साफ़ करता था।)

दामन ब तहश फ़िगन्दा दर ख़ाक
मी  कर्द   ब  आस्तीं  सरश  पाक

دامن بہ تھش فگندہ در خاک
میکرد بہ آستین سرش پاک

(अपना दामन उसके नीचे बिछाता और उसका सर आस्तीन से झाड़ता।)

बोसीद सरश ब रुफ़्क़ ओ आरज़्म
ख़ारीद   तनश   ब   नाख़ुने -  नर्म

بوسید سرش بہ رفق و آرزم
خارید تنش بہ ناخن نرم

(उसका सर प्यार से चूमता और उसका बदन धीरे-धीरे नाख़ुन से खुजाता।)

गुफ़्त ऐ गिलत अज़ वफ़ा सरिश्ता
नक़्शत फ़लक ज़े  वफ़ा  सरिश्ता

گفت ای گلت از وفا سرشتہ
نقشت فلک ز وفا سرشتہ

(कहता जाता कि तेरी मिट्टी वफ़ा से गूँधी हुई है और तेरी तस्वीर वफ़ा के आसमान से बनायी हुई है।)

हमनान कसाँ हलाल ख़ुर्दा
हम ख़ुर्दा ख़ुद हलाल कर्दा

ھمنان کسان حلال خوردہ
ھم خوردہ خود حلال کردہ

(तूने जिसका खाया उसे हलाल [जायज़/विधि-विहित] कर के खाया और अपना खाया हुआ हलाल कर दिया [सेवा कर के प्राप्त लाभ का मोल चुका दिया]।)

सद रौज़ए-ख़ुश ब ज़ेरे-पायत
दर रौज़एगह  बिहिश्त जायत

صد روضہ خوش بزیر پایت
در روضہء گہہ بہشت جایت

(तेरे पाँव के नीचे सैकड़ों बाग़ हैं और हर बाग़ में एक जन्नत है।)

सद ख़ूँ ज़े लबत चकीदा दर ख़ाक
वज़ लौसे - ख़बासतत दहन पाक

صد خون ز لبت چکیدہ در خاک
وز لوث خباثتت دہن پاک

(सैकड़ों ख़ून तेरे होंठ से टपके लेकिन तेरा मुख ख़बासत [गंदगी] से पाक [पवित्र] है।)

गर तू सगे अज़ सरिश्ते- दौराँ
ईनक सगे-तू मनम् ब सद जाँ

گر تو سگی از سرشت دوران
اینک سگ تو منم بصد جان

(अगरचे तू दुनिया का कुत्ता है लेकिन अब मैं तेरा कुत्ता हूँ।)

तमाम हाज़रीन इस दीवानगी को देखकर दंग रह गये। लोगों ने कहा--यह इश्क़ नहीं, जुनून (madness) है। उसी वक़्त से हज़रते-क़ैस #मजनूँ (mad man) के नाम से मशहूर हो गये। फिर मजनूँ से कोई बाप अपनी बेटी का ब्याह क्यों मंज़ूर करता? लैला के बाप ने क़ैस (#मजनूँ) की उम्मीदों  पर पानी फेर कर बेटी की शादी #इब्ने_सलाम से कर दी।

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