63 रुपये की बेची घड़ी और 60 हजार का खरीदा मुबंई में भूतिया बंगला, बेटे के जन्मदिन की रात ही छोड़ दी थी दुनिया
अपने शानदार अभिनय से फेमस हुए एक्टर राजेंद्र कुमार फिलहाल हमारे बीच नहीं हैं। इन्हें 'जुबली कुमार' के नाम से भी बुलाया जाता था। इन्होंने अपने करियर में ऐसी-ऐसी फिल्में की हैं जो थिएटर्स में 25 से 50 हफ्तों तक लगी रहीं। पर इससे पहले राजेंद्र कुमार एक्टिंग में नहीं, बल्कि पुलिस में जाने की तैयारी करने लगे थे। मगर अचानक से पता नहीं क्या हुआ कि वह फिल्मों में आने के बारे में विचार करने लगे। लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे। सिर्फ पिता की दी हुई एक घड़ी थी। उन्होंने उसको 63 रुपये में बेच दिया था। इससे 13 रुपये की टिकट खरीदी और मुंबई आ गए। एक्टिंग से पहले राजेंद्र कुमार ने असिस्टेंट डायरेक्टर का काम किया था। उन्होंने 150 रुपये में डायरेक्टर एच.एस. रवैल को असिस्ट किया था। फिर फिल्म 'वचन' (1955) से अपने करियर की शुरुआत की। इस फिल्म के लिए उन्हें महज 1500 रुपए मिले थे। ये मूवी 25 हफ्तों तक सिनेमाघर में लगी रही थी। इसके बाद कई ऐसी मूवीज आईं, जो सिल्वर या गोल्डन जुबली मनाकर ही थिएटर से हटीं।
राजेंद्र कुमार को 60 के दशक में एक ऐसा बंगला पसंद आया, जिसे लोग भूतिया कहते ते। वह उन्हें एक नजर में पसंद तो आ गया था जिसके बाद उन्होंने वह घर 60 हजार में खरीद लिया । 70 के दशक में राजेंद्र कुमार का चार्म फीका पड़ गया था। उनकी कई फिल्में फ्लॉप होने। मुंबई शहर में रहने के लिए उन्हें अपना वो लकी बंगला बेचना पड़ा था। और इसे राजेश खन्ना ने खरीदा था। उन्होंने 60 हजार रुपये एक्टर को थमाए थे और उस आशियाने को अपना बना लिया था। लेकिन इसके बाद राजेंद्र रातभर रोते रहे थे। 70 के दशक में राजेंद्र कुमार का चार्म फीका पड़ गया था। उनकी कई फिल्में फ्लॉप होने लगी थीं। इससे उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था। मुंबई शहर में रहने के लिए उन्हें अपना वो लकी बंगला बेचना पड़ा था। और इसे राजेश खन्ना ने खरीदा था। उन्होंने 60 हजार रुपये एक्टर को थमाए थे और उस आशियाने को अपना बना लिया था। लेकिन इसके बाद राजेंद्र रातभर रोते रहे थे। 12 जुलाई 1999 को राजेंद्र कुमार का निधन हो गया था। बेटे कुमार गौरव के जन्मदिन के दिन वह सोने के लिए गए और दूसरे दिन उठे नहीं। उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।