मैं तुम्हारी प्रेमिका से पहले किसी की बेटी हूँ। तुम्हारी प्रेमिका रहूँ या ना रहूँ बेटी हमेशा रहूँगी। ऐसा कहकर वो तब के सुपरस्टार दिलीप कुमार से लड़ पड़ी थी।
फिर एक मनहूस शाम 36 की उम्र में वो मुर्दा पड़ी थी। शायद उसकी लाश दुनिया की सबसे खूबसूरत लाशों में से एक रही होगी। वो लड़की जिसपर तब का सबसे बड़ा स्टार फ़िदा था। वो लड़की जिसके क़िस्से किशोर कुमार के साथ मशहूर हुए। वो लड़की जिसके चूमे हुए ऑटोग्राफ़्स की बोलियाँ लगती थी। वो लड़की थी मधुबाला।
मुमताज़ जहां बेगम देहलवी उर्फ मधुबाला। ये प्यारा सा नाम दिया था निर्माता निर्देशक देविका रानी ने। मधुबाला : मधुर स्वभाव वाली बाला। लड़की स्वच्छंद थी। मस्त थी। और इंडस्ट्री में सब पर भारी थी। फिर हुआ कि ये शोख़ लड़की एक दिन इंडस्ट्री की स्टार दिलीप कुमार से टकरा गई।
फ़िल्म था तराना वहाँ सेट पर उनके नज़दीकियों के चर्चे सरेआम हो गये। किसी गॉसिप मैगज़ीन ने खबर छापी कि मधुबाला ने दिलीप कुमार को गुलाब का फूल भेजा और एक नोट लिखा अगर आप मुझसे मुहब्बत करते हों तो इसे स्वीकार कर लें। दिलीप साहब ने गुलाब रख लिया।
प्रेम कहानी शुरू तो हो गई थी पर इसके परवाने लिखे गये
‘मुगल-ए-आज़म’ के दौरान , इस फिल्म में मधुबाला अनारकली और दिलीप कुमार सलीम के रोल में थे।
फिल्म के एक सीन में, जहां सलीम अनारकली को एक दीवार के पास प्यार से छूता है, महसूस करता है। वहाँ लगता है इस इश्क़ से ज़्यादा कशिश किसी और में नहीं।
इस सीन की शूटिंग के दौरान दोनों के बीच की भावनाएं इतनी प्रबल थीं कि यह सीन आज भी सबसे रोमांटिक दृश्यों में से एक माना जाता है। ऐसा लग रहा था दोनों रील नहीं रियल ज़िंदगी जी रहे हों।
लेकिन दोनों के प्रेम के आड़े आया मधुबाला का लालची बाप अत्तउल्लाह ख़ान। पैसे का लालची अताउल्लाह मधुबाला को अपने अख़्तियार से बाहर नहीं जाने देना चाहता था।
मधुबाला ने बी आर चोपड़ा की नयी फ़िल्म नया दौर साइन की। लेकिन शूटिंग से चंद रोज़ पहले अत्ताउल्लाह ने मधुबाला को मुंबई के बाहर शूटिंग पर जाने से मना कर दिया। उन्हें मधुबाला और दिलीप कुमार के नज़दीकियाँ बढ़ने का डर था।
एग्रीमेंट तोड़ने से ग़ुस्साए बी आर चोपड़ा ने केस कर दिया। कोर्ट में दिलीप कुमार ने बी आर चोपड़ा के पक्ष में गवाही दिया।
इस गवाही ने मधुबाला के पिता के साथ-साथ मधुबाला को भी आहत किया।
मधुबाला अपने पिता के साथ खड़ी रहीं, जिससे दिलीप कुमार और उनके बीच तनाव बढ़ गया। यह तनाव और विवाद उनके रिश्ते में दरार का मुख्य कारण बना और अंततः उनके संबंधों का दुखद अंत हुआ।
जब मधुबाला और दिलीप कुमार का रिश्ता समाप्त हो गया, तब मधुबाला की जिंदगी में किशोर कुमार आए। दोनों ने साथ में कई फिल्मों में काम किया था। जब मधुबाला की सेहत बिगड़ने लगी और उन्हें दिल की बीमारी का पता चला, तब किशोर कुमार ने उनका साथ दिया और उनसे शादी करने का फैसला किया।
शादी के बाद मधुबाला का स्वास्थ्य बिगड़ता गया, और वे ज्यादा समय तक काम नहीं कर पाईं। उनकी बीमारी के चलते, दोनों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। किशोर कुमार उन्हें इलाज के लिए लंदन लेकर गये, लेकिन उनकी बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं हो सका।
अंततः 23 फरवरी 1969 को उनका निधन हो गया। किशोर कुमार ने अपनी पत्नी की देखभाल में कोई कमी नहीं छोड़ी, लेकिन मधुबाला की बीमारी इतनी गंभीर थी कि उनका बचना मुश्किल था। उनकी यह शादी भारतीय सिनेमा के सबसे दुखद और यादगार प्रेम कहानियों में से एक मानी जाती है।