📻"रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई।
तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई।"
रेडियो सिलोन के मेरे साथी उद्घोषक दलवीरसिंह परमार की आज 33वीं बरसी है .रेडियो सिलोन का कार्यभार संभालने के पहले दलवीर सिंह परमार 1964 में बनी वी.शांताराम की फ़िल्म "गीत गाया पत्थरों ने" में फ़िल्म की हीरोइन राजश्री नृत्य गुरु 'सुमंगली' की भमिका निभाई थी. रेडियो सिलोन में काम करने के दौरान भी इन्होंने राजकपूर की 1988 में बनी फ़िल्म "राम तेरी गंगा मैली"में फ़िल्म की नायिका मंदाकिनी के जीजा की भूमिका निभाई थी.
रेडियो सिलोन में दलवीर सिंह परमार का कार्यकाल 29 नवम्बर 1967 से 1991 तक रहा. दलवीर सिंह परमार जी के देहांत के बाद उनकी पुत्री ज्योति परमार ने उनका स्थान ग्रहण किया और अब तक उस पद पर कार्यरत हैं,एवं श्रीलंका की नागरिकता स्वीकार कर चुकी हैं.
परमार साहब की शख़्सियत से जुड़ी कई यादें मेरे दिलो दिमाग़ में घुमड़ रही हैं..शब्द..आंसू बनकर बरसाना चाह रहे हैं..स्मरण शक्ति धुंधला रही है:
"याद-ए-माज़ी अज़ाब है या-रब
छीन ले मुझ से हाफ़िज़ा मेरा."
अपने अलबम से कुछ चित्रों, और अपनी पुस्तक "यादें रेडियो सिलोन की" के एपिसोड: #14 द्वारा उन्हें अपनी विनम्र- श्रद्धांजलि पेश कर रहा हूँ,जब हम दोनों ने एक साथ कोलम्बो श्रीलंका के लिए उड़ान भरी थी.
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☄️YOUTUBE LINK:
https://youtu.be/wGLrpBB0IDY