Moti BA ki kavita

श्री मोती बी ए की ये रचना उनके सहपाठी अभिन्न मित्र डॉक्टर शम्भू नाथ सिंह को समर्पित है । इस पुस्तक से एक कविता आपकी सेवा में प्रस्तुत है-
"क्यों मुझसे प्यार किया तुमने?
जब तुमको जलती आँखों का,
जलता बादल दिखलाना था,
जब मेरी प्यारी आँखों को, 
तुमको अपना न बनाना था, 
मुस्कानों से मुस्कानों का,
क्यों मधु व्यापार किया तुमने?
क्यों मुझसे प्यार किया तुमने?
जलते दिन, जलती रातो के,
बदले तुम प्राण डुबो देती,
अपने अधरों की स्मिति सागर-
की मुझको लहर बना देती,
रस के प्यासे इन अधरों पर,
क्यों धर अंगार दिया तुमने,
क्यों मुझसे प्यार किया तुमने?

वह भी दिन था जब तुम क्षण क्षण,
छिप छिप प्राणों में गाती थी,
आँखों के आगे आने में,
इतना न कभी शरमाती थी,
आकर जब फिर जाना ही था, 
तब क्यों अभिसार किया तुमने? 
क्यों मुझसे प्यार किया तुमने?"
       'आंसू डूबे गीत' से

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