ग्रेगेरियन कैलेंडर

आदरणीय Ravindra Upadhyaya श्री रवीन्द्र नाथ उपाध्याय (पूर्व आईएएस) जैसे विद्वान अग्रज अब हमें कहाँ मिलेंगे ? वे कल 31 मार्च 2020 को हमारे बीच नहीं रहे। विनम्र श्रद्धांजलि सहित 19 जनवरी 2020 को फेसबुक पर पोस्ट उन्हीं का यह अंतिम लेख, मेरी भावनाओं का प्रमाण है।

ग्रेगोरियन कैलेण्डर की मुख्य बातें
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   हम अपने दैनन्दिन कार्यों के लिये ग्रेगोरियन कैलेण्डर का उपयोग करते हैं।यह कैलेण्डर पोप ग्रेगरी तेरहवें (Pope Gregory XIII) ने सन् 1582 ईस्वी में जूलियन कैलेण्डर की त्रुटियों में सुधार करके लागू किया था।जूलियन कैलेण्डर रोमन सम्राट जूलियस सीजर द्वारा ई०पू०45 में लागू किया गया था जिसमें सामान्य वर्ष 365 दिनों का और हर चौथा वर्ष 366 दिनों का होता है जिसे लीप ईयर कहते हैं।इस कैलेण्डर की रचना पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा अवधि 365.25 दिन(365 दिन 6 घंटे) मान कर की गई थी।चूँकि पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा अवधि 365.2422 दिन(365 दिन 5 घंटे 48 मिनट 45 सेकेंड) है इसलिये जूलियन कैलेंडर का वर्षमान लगभग 11 मिनट अधिक हो जाता था जिससे कुछ शताब्दियों में कई दिनों का अंतर पड़ जाता था।इसलिये पोप ग्रेगरी XIII ने सन् 1582 के अक्तूबर महीने के दस दिन हटा कर 4 अक्तूबर के बाद सीधे 15 अक्तूबर की तारीख का प्रावधान कर दिया और लीप वर्ष के नियम में भी परिवर्तन कर दिया।इसप्रकार ग्रेगोरियन कैलेण्डर में जूलियन कैलेण्डर की त्रुटि में बहुत हद तक सुधार हो गया और जहाँ 128 वर्षों में 1 दिन की त्रुटि हो रही थी वह घट कर 3236 वर्षों 1 दिन की रह गई जो नगण्य है।इस कैलेण्डर की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं:-
(1) लीप ईयर-
      वे सभी वर्ष जो 4 या 400 से विभाजित हो जाँय वे 366 दिनों वाले लीप वर्ष होंगे जिनमें फ़रवरी का महीना 29 दिनों का होता है।अपवाद यह है कि वे शताब्दी वर्ष जो 100 से विभाजित हो जाँय परंतु 400 से विभाजित न हों वे 365 दिनों वाले सामान्य वर्ष होंगे जिनमें फ़रवरी महीना 29 दिनों का नहीं,28 दिनों का होता है।उदाहरणार्थ सन् 1700, 1800 और 1900 लीप वर्ष नहीं थे परंतु सन् 2000 लीप वर्ष था।सन् 2100 भी लीप वर्ष नहीं होगा।इनके अलावा 4 के गुणक वाले सभी वर्ष तो लीप वर्ष होंगे ही।इस प्रकार सन् 1601 से सन् 2000 तक लीप वर्षों की संख्या 100 नहीं बल्कि केवल 97 थी।
(2) किन वर्षों के कैलेण्डर एक समान होंगे?
    किसी विशेष वर्ष का कैलेण्डर कितने वर्षों बाद फिर से ठीक वैसा ही होगा तो इसे जानने का तरीका बहुत आसान है जो इस प्रकार है:-
(क) कोई भी लीप वर्ष 28 वर्षों बाद पहले जैसा ही होगा अर्थात् लीप वर्ष की तारीखों के साप्ताहिक दिन वे ही होंगे जो 28 वर्ष बाद वाले वर्ष के होंगे।उदाहरणार्थ सन् 1964, सन् 1992 के कैलेण्डर वैसे ही थे जैसे वर्तमान वर्ष सन् 2020 का कैलेण्डर है।इन सभी वर्षों की 1 जनवरी को बुधवार था।इसी तरह का अगला साल सन् 2048 होगा।
(ख) यदि वर्ष संख्या को 4 से भाग देने पर 1 शेष बचे तो उस वर्ष के 6 साल बाद वाला कैलेण्डर वैसा ही होगा।उदाहरण के लिये सन् 2013, सन् 2019 के कैलेण्डर एक जैसे थे और उनकी 1 जनवरी को मंगलवार था।
(ग) यदि वर्ष संख्या को 4 से भाग देने पर 2 या 3 शेष बचे तो उक्त वर्ष का कैलेण्डर 11 वर्ष बाद वैसा ही होगा।उदाहरण के लिये सन् 2010 की 1 जनवरी शुक्रवार को पड़ी थी, वैसा ही कैलेण्डर सन् 2021 का होगा जो शुक्रवार से प्रारंभ होगा।
(3) किस तारीख को कौनसा दिन ?
      यह प्रश्न सीधे तौर पर कैलेण्डर के निर्माण से जुड़ा है।यदि हम जान जाँय कि वर्ष की शुरुआती तारीख को कौनसा दिन पड़ेगा तब चाहे वह सामान्य वर्ष हो या लीप वर्ष, कोई साधारण बुद्धि का व्यक्ति भी पूरे साल का कैलेण्डर तैयार कर लेगा।
     इस प्रश्न के समाधान के लिये सबसे अच्छा सूत्र जर्मनी के गणितज्ञ और भूगोलविद् क्रिश्चियन जेलर(Christian Zeller, 1822-1899) ने खोजा जिनके नाम पर इसे  Zeller’s Rule कहते हैं।यह सूत्र हाई स्कूल स्तर के छात्र के लिये भी सरल है, जो इस प्रकार है:-
F= K+(13M-1)/5+D+ D/4+ C/4 -2C
F= सप्ताह का दिन  [ 0=रविवार,1=सोमवार, 2=मंगलवार.....6=शनिवार]
F में 7 का भाग देने पर जो शेष बचे वही सप्ताह का दिन होगा।
M=महीना जिसकी गिनती मार्च से होगी अर्थात् मार्च=1,अप्रैल=2,....जनवरी=11, फ़रवरी=12
K=तारीख( date)
C= सन् के शुरुआती दो अंक(first two digits of the year)
D=सन् के अंतिम दो अंक(last two digits of the year) परंतु जनवरी और फ़रवरी के लिये D में से 1 घटा दिया जायेगा।
[सावधानी:- यदि F का मान ऋणात्मक आये तो 7 के बजाय -7 से भाग देंगे और शेष को 7 से घटा देंगे। जैसे यदि F= -16 तब -16 को -7 से भाग देंगे।शेष 2 बचेगा जिसे 7 में से घटा कर F=5 लिखेंगे जिसका मतलब होगा शुक्रवार।]
उदाहरण(i)  दि० 27-2-2023 को कौन सा दिन होगा?
यहाँ K=date=27,  M=12,
C=first two digits of the year=20, D=last two digits of the year i.e. 23 but for February we will take D=22
      K,M,D और C का मान Zeller’s formula में रखने पर,
F=K+(13M-1)/5 +D+D/4 + C/4 -2C
F=27+(13x12-1)/5 +22+22/4 +20/4 -2x20
F=27+155/5 + 22+ 5.5 +5-40
F=27+31+22+5.5+5-40
केवल पूर्णांकों को जोड़ने पर,
F=50 जिसमें 7 से भाग देने पर 1 शेष बचेगा। F=1=सोमवार अत: दि०27-2-2023 को सोमवार पड़ेगा।
उदाहरण(ii) 19-1-2021 को कौन सा दिन होगा?
K=19, M=11(मार्च से गिनने पर जनवरी का मान 11), D=21-1=20(जनवरी के लिये 1 घटायेंगे), C=20
F=K+(13M-1)/5 +D+D/4 +C/4 -2C
F=19+(13x11-1)/5 +20+20/4 +20/4-40
F=19 + 28.4 +20+5+5-40
F=37
7 से भाग देने पर शेष 2 , अत: 2=मंगलवार।
19-1-2021 को मंगलवार पड़ेगा।
  (टिप्पणी:-यह लेख छात्रों के लिये है।)
----- रवीन्द्र नाथ उपाध्याय -----

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